🔱 रुद्राक्ष का आकार, वजन और शक्ति: भ्रम बनाम सच्चाई | Rudraksha Size, Weight & Power – Myths vs. Reality
🔱 रुद्राक्ष का आकार, वजन और शक्ति: भ्रम बनाम सच्चाई | Rudraksha Size, Weight & Power – Myths vs. Reality
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पांच मुखी रुद्राक्ष को रुद्राक्षों में सबसे सामान्य और सबसे अधिक उपयोग में लाया जाने वाला रुद्राक्ष माना जाता है। लेकिन इसका महत्व केवल इसकी उपलब्धता में नहीं, बल्कि इसके प्रभाव में छिपा है। यह रुद्राक्ष गुरु बृहस्पति (Jupiter) ग्रह से संबंधित है और जीवन में ज्ञान, विवाह, पारिवारिक सुख, स्वास्थ्य और आध्यात्मिक संतुलन लाने में सहायक माना जाता है।
यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में बृहस्पति ग्रह अशुभ स्थिति में है — जैसे कि वक्री (retrograde), नीच (debilitated), या राहु/केतु के प्रभाव में — तो जीवन में निम्न समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं:
विवाह में अनावश्यक विलंब
पारिवारिक अशांति
निर्णय लेने में भ्रम
सामाजिक मान-सम्मान की कमी
आर्थिक अस्थिरता
ज्ञान और आध्यात्मिक समझ की कमी
ऐसी स्थिति में पांच मुखी रुद्राक्ष धारण करने से बृहस्पति की सकारात्मक ऊर्जा जागृत होती है और उपरोक्त समस्याओं में राहत मिलती है।
गुरु बृहस्पति वैदिक ज्योतिष में गृहस्थ जीवन और विवाह के प्रमुख कारक माने जाते हैं। यदि विवाह योग्य व्यक्ति को अच्छे रिश्ते नहीं मिल रहे, या बार-बार रिश्ते टूट रहे हैं, तो यह बृहस्पति की अशुभ स्थिति का संकेत हो सकता है।
पांच मुखी रुद्राक्ष पहनें
“ॐ ब्रं बृहस्पतये नमः” मंत्र का जाप करें (विशेषकर गुरुवार को)
पांच मुखी रुद्राक्ष का प्रभाव लीवर, पाचन प्रणाली, और पित्त पर भी पड़ता है।
बृहस्पति का संबंध पीलापन, बाइल, और यकृत (लिवर) से होता है।
फैटी लिवर की समस्या में, पांच मुखी के साथ 15 मुखी रुद्राक्ष भी अत्यधिक प्रभावी माना गया है।
कई रोगियों को हॉस्पिटल द्वारा ऑपरेशन की सलाह दी गई थी, लेकिन जब उन्होंने पांच और पंद्रह मुखी रुद्राक्ष के साथ अनाहत चक्र की साधना की, तो स्वास्थ्य में चमत्कारी सुधार हुआ।
पांच मुखी रुद्राक्ष का संबंध – मणिपुर चक्र (Solar Plexus Chakra) से है।
यह चक्र नाभि के ऊपर और हृदय के नीचे स्थित होता है।
यह आत्मबल, निर्णय क्षमता, आत्मविश्वास और बृहस्पति से संबंधित ऊर्जा केंद्र है।
आरामदायक पीले वस्त्र पहनें
पीला आसन बिछाएं
आंखें बंद करके मणिपुर चक्र पर ध्यान केंद्रित करें
“रं” बीज मंत्र का उच्चारण करें – गहरी सांस लेते हुए
➡️ प्रतिदिन 5 मिनट अभ्यास करें। एक महीने में ऊर्जा का अंतर स्वयं महसूस करें।
जप माला से किया गया जाप अत्यधिक फलदायी होता है।
“ॐ ब्रं बृहस्पतये नमः” मंत्र का 108 बार जप करें
गुरुवार (Thursday) को विशेष रूप से करें
जप माला और पहनने की माला अलग-अलग रखें
जप माला व्यक्तिगत वस्तु है – इसे किसी और से साझा न करें (जैसे चप्पल या अंडरगारमेंट)
एक ही माला से जाप करना और पहन लेना
बिना ज्योतिषीय परामर्श के पुखराज पहनना
बृहस्पति के दोष को पहचानने से पहले उपाय शुरू करना
फैशन या सिर्फ पहनने की इच्छा से रुद्राक्ष खरीद लेना
पांच मुखी रुद्राक्ष मानसिक शांति देता है
वैवाहिक जीवन में संतुलन लाता है
संतान प्राप्ति में सहायता करता है
विद्या, ज्ञान और समाज में सम्मान में वृद्धि करता है
सकारात्मक सोच को विकसित करता है
पांच मुखी रुद्राक्ष न केवल बृहस्पति ग्रह को सशक्त करता है, बल्कि जीवन के विभिन्न पहलुओं – विवाह, स्वास्थ्य, ज्ञान और मनोबल – में संतुलन और सुधार लाता है। यदि सही विधि और सही उद्देश्य से इसे धारण किया जाए, तो यह एक शक्ति-संचारक और रक्षक ऊर्जा बन सकता है।
यदि आप बृहस्पति दोष से पीड़ित हैं, तो विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें।
पांच मुखी रुद्राक्ष को श्रद्धा, नियम और साधना के साथ धारण करें।
केवल एक बीड भी पर्याप्त है, परन्तु जप के लिए जप माला अलग रखें।
आपका कोई प्रश्न हो तो कमेंट बॉक्स में अवश्य पूछें।
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