🌺 1. What is Nyāsa in Shaiva Tradition?

शैव परंपरा में न्यास क्या है?

ENGLISH

In Shaiva-Āgama tradition, Nyāsa literally means “placing” — placing mantra, devatā-śakti and awareness in specific parts of the body.
During Rudraksha energisation (Prāṇa-Pratiṣṭhā), Nyāsa is used in two ways:

  1. On the sādhaka’s own body – to make the body a suitable vessel for Shiva-śakti.

  2. On the Rudraksha bead – to install Shiva’s mantra and presence into the bead.

हिंदी

शैव-आगम परंपरा में न्यास का अर्थ है – “स्थापन करना” यानी मंत्र, देवता-शक्ति और चित्त को शरीर के विशेष अंगों में स्थापित करना।
रुद्राक्ष प्राण-प्रतिष्ठा में न्यास दो स्तरों पर किया जाता है—

  1. साधक के शरीर पर – ताकि शरीर शिव-शक्ति का पात्र बन सके।

  2. रुद्राक्ष पर – ताकि मंत्र और शिव-तत्त्व रुद्राक्ष में स्थिर हो जाए।


✋ 2. Kara-nyāsa (Hand Nyāsa) for Om Namah Shivaya

कर-न्यास – “ॐ नमः शिवाय” के साथ

🔹 This Kara-nyāsa can be used before energising any Rudraksha from 1–14 Mukhi.
🔹 Where you earlier wrote “Nyāsa”, you can plug this block as the standard Shaiva-Āgama Nyāsa.


ENGLISH – Steps

Sit facing East or North, hands clean. With the right hand, touch each part of the left hand and chant segments of the Śiva Pañcākṣarī mantra:

  1. Thumb (left) – touch with right thumb:
    “ॐ नमः शिवाय अङ्गुष्ठाभ्यां नमः”

  2. Index finger (left):
    “ॐ नमः शिवाय तर्जनीभ्यां नमः”

  3. Middle finger (left):
    “ॐ नमः शिवाय मध्यमा-भ्यां नमः”

  4. Ring finger (left):
    “ॐ नमः शिवाय अनामिका-भ्यां नमः”

  5. Little finger (left):
    “ॐ नमः शिवाय कनिष्ठिका-भ्यां नमः”

  6. Both palms together:
    “ॐ नमः शिवाय करतल-करपृष्ठाभ्यां नमः”

This completes Kara-nyāsa with Om Namah Shivaya.


हिंदी – चरणबद्ध

पूर्व या उत्तर दिशा की ओर बैठकर, दाहिने हाथ से बाएँ हाथ के अंगों पर स्पर्श करते हुए शिव पंचाक्षरी मंत्र के साथ न्यास करें—

  1. बाएँ अंगूठे पर (दाहिने अंगूठे से स्पर्श):
    “ॐ नमः शिवाय अङ्गुष्ठाभ्यां नमः”

  2. बाई तर्जनी (इंडेक्स फिंगर):
    “ॐ नमः शिवाय तर्जनीभ्यां नमः”

  3. बाई मध्यमा (मिडिल फिंगर):
    “ॐ नमः शिवाय मध्यमा-भ्यां नमः”

  4. बाई अनामिका (रिंग फिंगर):
    “ॐ नमः शिवाय अनामिका-भ्यां नमः”

  5. बाई कनिष्ठा (लिटिल फिंगर):
    “ॐ नमः शिवाय कनिष्ठिका-भ्यां नमः”

  6. दोनों करतल (हथेलियाँ):
    “ॐ नमः शिवाय करतल-करपृष्ठाभ्यां नमः”

इससे कर-न्यास पूर्ण होता है।


🧍‍♂️ 3. Aṅga-nyāsa (Body Nyāsa) for Shaiva Energisation

अंग-न्यास – शैव प्राण-प्रतिष्ठा के लिए

This is classical Shaiva practice used before advanced japa/energisation.
Use once for the sādhaka, then proceed to Rudraksha energisation.


ENGLISH – Standard Aṅga-nyāsa with Om Namah Shivaya

Touch each body part lightly with right hand:

  1. Forehead (Lalana / Ajna):
    “ॐ नमः शिवाय शिरसि नमः”

  2. Mouth / Face:
    “ॐ नमः शिवाय मुखे नमः”

  3. Heart (Center of chest):
    “ॐ नमः शिवाय हृदयाय नमः”

  4. Navel region:
    “ॐ नमः शिवाय नाभौ नमः”

  5. Right shoulder:
    “ॐ नमः शिवाय दक्षिण-स्कन्धे नमः”

  6. Left shoulder:
    “ॐ नमः शिवाय वाम-स्कन्धे नमः”

  7. Entire body (touching top of head or doing a light āvāhana gesture):
    “ॐ नमः शिवाय सर्वाङ्गे नमः”


हिंदी – अंग-न्यास मंत्र

दाहिने हाथ से निम्न अंगों पर हल्का स्पर्श करें—

  1. माथा / आज्ञा चक्र:
    “ॐ नमः शिवाय शिरसि नमः”

  2. मुख / चेहरा:
    “ॐ नमः शिवाय मुखे नमः”

  3. हृदय (सीने का मध्य):
    “ॐ नमः शिवाय हृदयाय नमः”

  4. नाभि:
    “ॐ नमः शिवाय नाभौ नमः”

  5. दाहिना कंधा:
    “ॐ नमः शिवाय दक्षिण-स्कन्धे नमः”

  6. बायाँ कंधा:
    “ॐ नमः शिवाय वाम-स्कन्धे नमः”

  7. सारा शरीर (सिर के ऊपर या संकल्प से):
    “ॐ नमः शिवाय सर्वाङ्गे नमः”


📿 4. Nyāsa on the Rudraksha Bead Itself

रुद्राक्ष पर न्यास – बीज में मंत्र की स्थापना

ENGLISH – Procedure

  1. Place the Rudraksha bead on your right palm.

  2. Cover it gently with the left palm, creating a small “cave” of hands.

  3. Visualize a soft white or blue light filling the bead.

  4. Chant slowly 5 times:

    “ॐ नमः शिवाय रुद्राक्ष-बीजे नमः”

  5. Then, with the index finger of your right hand, touch the bead at five points (imagine: top, bottom, front, back, center) reciting:

    • Top: “ॐ”

    • Bottom: “नमः”

    • Front: “शि”

    • Back: “वा”

    • Center: “य”

  6. Seal the Nyāsa with:

    “ॐ नमः शिवाय अस्मिन् रुद्राक्षे शिव-तत्त्वं स्थापयामि।”

Now begin the 108-times mukhi-specific mantra japa (e.g., for 14 Mukhi: “ॐ हनुमते नमः” ×108).


हिंदी – विधि

  1. रुद्राक्ष को दाहिने हाथ की हथेली पर रखें।

  2. बाएँ हाथ से ऊपर से ढककर एक छोटी सी “गुफा” बना लें।

  3. कल्पना करें कि सफेद या नीला प्रकाश रुद्राक्ष में भर रहा है।

  4. धीरे-धीरे 5 बार जपें:

    “ॐ नमः शिवाय रुद्राक्ष-बीजे नमः”

  5. अब दाहिने हाथ की तर्जनी से रुद्राक्ष को पाँच बिंदुओं पर स्पर्श करें (ऊपर, नीचे, आगे, पीछे, मध्य) और क्रम से जपें—

    • ऊपर (Top): “ॐ”

    • नीचे (Bottom): “नमः”

    • आगे (Front): “शि”

    • पीछे (Back): “वा”

    • मध्य (Center): “य”

  6. अंत में “बंधन” करने के लिए जपें:

    “ॐ नमः शिवाय अस्मिन् रुद्राक्षे शिव-तत्त्वं स्थापयामि।”

इसके बाद मुखी-विशेष मंत्र 108 बार जपें (जैसे 14 मुखी हेतु: “ॐ हनुमते नमः” ×108)।


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